Wednesday, October 13, 2010
Witness - Super 30 Special - 17 July 08 Part 4
शानदार नतीजे देने वाले 'सुपर 30' के संचालक गणितज्ञ आनंद कुमार अब बिहार में आइकान और भारत तथा विदेश में प्रेरक वक्ता के रूप में उभर रहे है। भारत के विभिन्न हिस्सों में प्रेरणादायक व्याख्यान देने के बाद अब वे इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेट्स के निमंत्रण पर 14 अक्तूबर को आबूधाबी में व्याख्यान देंगे। इस संस्थान ने उन्हे समग्र शिक्षा पर वार्ता के लिए बुलाया है। इसके पहले संस्थान के निमंत्रण पर पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम, केवी कामथ, टीएन मनोहरन और मणि शंकर अय्यर व्याख्यान दे चुके है। अपनी खाड़ी यात्रा के दौरान आनंद कुमार खाड़ी के प्रतिष्ठित स्कूल इंडिया स्कूल आफ आबूधाबी के शिक्षकों और छात्रों के साथ अपना अनुभव बांटेगे।
वे अटलांटा और सैनडिएगो सहित विभिन्न स्थानों पर मैथमेटिकल एसोसिएशन आफ अमेरिका द्वारा आयोजित कुछ कार्यक्रमों में पहले ही व्याख्यान दे चुके है। आईआईएम अहमदाबाद में उनके व्याख्यान की भूरि-भूरि प्रशंसा हुई थी। वे पिज्जा हट और केएफसी के प्रबंधकों के समूहों को भी संबोधित कर चुके है। हाल में न्यूजवीक पत्रिका ने उनके स्कूल को दुनिया के सबसे अनूठे स्कूलों में एक बताया था। एक अन्य प्रतिष्ठित पत्रिका टाइम ने उनके स्कूल को एशिया 2010 का सर्वोत्तम स्कूल बताया था। नंदन नीलकेनी प्रमोद बत्रा और रश्मि बंसल सरीखे मशहूर लेखकों ने उनकी जीवनी और उनके कार्यो को अपनी पुस्तकों में शामिल किया। डिस्कवरी चैनल ने सुपर 30 पर एक घंटे का कार्यक्रम प्रसारित किया। अभिनेत्री और पूर्व मिस जापान नोरिका फुजिवारा सुपर 30 पर एक वृत्तचित्र बनाने के लिए पटना आई। आनंद ने अपनी अद्भुत शिक्षण क्षमता के कारण लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया। हाल में, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के विशेष दूत राशद हुसैन सुपर 30 देखने गए। उन्होंने उसे 'भारत का सर्वोत्तम' शिक्षण संस्थान बताया।
आनंद की प्रतिभा पढ़ाई के शुरुआती दिनों में ही दिखनी शुरू हो गई थी। आनंद को 1994 में कैंब्रिज विवि में उच्चतर शिक्षा का मौका मिला। लेकिन उनकी खराब माली हालत उनके रास्ते में रुकावट बन गई। बचपन से ही गरीबी से जूझने के कारण उन्होंने गरीब छात्रों के लिए कुछ करने का फैसला किया, क्योंकि ऐसे छात्र अवसर के अभाव में मंजिल तक नहीं पहुंच पाते। लिहाजा रामानुजम स्कूल आफ मैथमेटिक्स का जन्म हुआ। 2002 में अपने भाई प्रणव और कुछ छात्रों की मदद से उन्होंने आईआईटी प्रवेश परीक्षा में बैठने के इच्छुक गरीब छात्रों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देने के लिए सुपर 30 प्रोग्राम शुरू किया। पिछले तीन सालों में सुपर 30 के सभी 30 छात्र जेईई में सफलता प्राप्त करते आ रहे हैं।
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